एक शख्स इशा व वित्र पढ़ाए दूसरा तरावीह तो इस तरह करना कैसा है

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एक शख्स इशा व वित्र पढ़ाए दूसरा तरावीह तो इस तरह करना कैसा है


 सवाल   एक शख्स इशा व वित्र पढ़ाए दूसरा तरावीह तो इस तरह करना कैसा है
 
 जवाब   बिला शक व शुब्ह जायज़ है, जैसा की बहारे शरीअत में बहवाला अलमगीरी है  यह जायज़ है कि एक शख्स इशा व वित्र पढ़ाए दुसरा तरावीह, जैसा कि हज़रत उमर रज़ि अल्लाहू तआला अन्हू इशा व वित्र की इमामत करते थे और उबई बिन कअब रज़ि अल्लाहू तआला अन्हू तरावीह की, (बहारे शरीअत हिस्सा ४/तरावीह का बयान/मसअला २६)

         والله تعالی اعلم بالصواب


 मिन जानिब  
ज़हनी अज़माईश उर्दू ग्रुप

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