इमाम क़ाएदा ऊला में सलाम फेर दिया फिर मुक़्तदी ने लुक़मा दिया तो क्या हुक्म है

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 इमाम क़ाएदा ऊला में सलाम फेर दिया फिर मुक़्तदी ने लुक़मा दिया तो क्या हुक्म है


 सवाल   इमाम मगरिब की दो रकात में अत्तहियात दुरूद दुआ पढ़ कर एक तरफ सलाम फेरा की एक मुक़्तदी ने लुक़मा दिया इमाम ने लुक़मा क़ुबूल किया तीन रकात मुकम्मल पढ़ कर आखिर में सजदा सहू कर लिया तो नमाज़ का क्या हुक्म है

 जवाब   सूरते मसऊला में सब की नमाज़ हो गई इमाम या मुनफरिद अगर भूल कर क़ाएदा ऊला में सलाम फेर दिया और अभी हुरमत नमाज़ में है, यानी ऐसा कोई काम नहीं किया जिस से नमाज़ टूट जाती है तो फौरन खड़ा हो जाए और नमाज़ को पूरी करें और आखिर में सजद ए सहू करले नमाज़ हो जाएगी, और अगर नमाज़ के मुनाफी कोई काम किया तो नमाज़ का एआदा करे, इसी तरह सजद ए सहू वाजिब था करना भूल गया तो नमाज़ का एआयदा करे (बहवाला : बहारे शरीअत जिल्द १ हिस्सा ४ / सजद ए सहू का बयान)

        والله تعالی اعلم بالصواب

 मिन जानिब  ज़हनी अज़माईश उर्दू ग्रुप


हिंदी ट्रांसलेट

मोहम्मद रिज़वानुल क़ादरी सेमरबारी (दुदही कुशीनगर उत्तर प्रदेश)


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